UPANISHAD
Jin Khoja Tin Paiyan 05
Fifth Discourse from the series of 19 discourses – Jin Khoja Tin Paiyan by Osho. These discourses were given during MAY 2-05 1970, JUN 15, JUL 1-12 1970 NARGOL, BOMBAY.
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मेरे प्रिय आत्मन्!
बहुत आशा और संकल्प से भरकर आज का प्रयोग करें। जानें कि होगा ही। जैसे सूर्य निकला है, ऐसे ही भीतर भी प्रकाश फैलेगा। जैसे सुबह फूल खिले हैं, ऐसे ही आनंद के फूल भीतर भी खिलेंगे। पूरी आशा से जो चलता है वह पहुंच जाता है, और जो पूरी प्यास से पुकारता है उसे मिल जाता है।
जो मित्र खड़े हो सकते हों, वे खड़े होकर ही प्रयोग को करेंगे। जो मित्र खड़े हैं, उनके आसपास जो लोग बैठे हैं, वे थोड़ा हट जाएंगे.कोई गिरे तो किसी के ऊपर न गिर जाए। खड़े होने पर बहुत जोर से क्रिया होगी–शरीर पूरा नाचने लगेगा आनंदमग्न होकर। इसलिए पास कोई बैठा हो, वह हट जाए। जो मित्र खड़े हैं, उनके आसपास थोड़ी जगह छोड़ दें–शीघ्रता से। और पूरा साहस करना है, जरा भी अपने भीतर कोई कमी नहीं छोड़ देनी है।
पहला चरण
आंख बंद कर लें.गहरी श्वास लेना शुरू करें–गहरी श्वास लें और गहरी श्वास छोड़ें.और भीतर देखते रहें–श्वास आई, श्वास गई। गहरी श्वास लें, गहरी श्वास छोड़ें।
(प्रयोग शुरू करते ही चारों तरफ अनेक स्त्री और पुरुष साधक रोने, चिल्लाने और चीखने लगे। बहुत लोगों का शरीर कंपने लगा और अनेक तरह की क्रियाएं होने लगीं।)
.गहरी श्वास लें, गहरी श्वास छोड़ें.
(बहुत से साधक अनेक तरह से नाचने, कूदने, उछलने, रोने, चीखने और चिल्लाने लगे, साथ ही अनेक मुंह से अनेक प्रकार की आवाजें निकलने लगीं। ओशो का सुझाव देना चलता रहा.)
गहरी श्वास लें, गहरी श्वास छोड़ें.गहरी श्वास लें, गहरी श्वास छोड़ें.शक्ति पूरी लगाएं। दस मिनट के लिए गहरी श्वास लें और गहरी श्वास छोड़ें।.गहरी श्वास लें, गहरी श्वास छोड़ें.गहरी श्वास लें, गहरी श्वास छोड़ें। पूरी शक्ति लगाएं.गहरी श्वास लें, गहरी श्वास छोड़ें–और भीतर देखते रहें.
(चीत्कार.चीख.इत्यादि)
गहरी श्वास लें, गहरी श्वास छोड़ें.गहरी श्वास लें, गहरी श्वास छोड़ें.और भीतर देखते रहें–श्वास आ रही, श्वास जा रही।.शक्ति पूरी लगा दें.और गहरी.और गहरी.और गहरी.श्वास में पूरी शक्ति लगा दें। एक दस मिनट पूरी शक्ति लगा दें।.गहरी श्वास.गहरी श्वास.गहरी श्वास.
(लोगों का चीखना, चिल्लाना, हंसना.)
गहरी श्वास.गहरी श्वास.गहरी श्वास.गहरी श्वास.गहरी श्वास.गहरी श्वास.भीतर देखते रहें–श्वास आई, श्वास गई.शक्ति पूरी लगा दें। कुछ भी बचाएं नहीं, शक्ति पूरी लगा दें। गहरी श्वास.गहरी श्वास.गहरी श्वास.गहरी श्वास.गहरी श्वास। शरीर एक ऊर्जा का पुंज मात्र रह जाएगा। श्वास ही श्वास रह जाएगी। शरीर एक विद्युत बन जाएगा। गहरी श्वास.
(रोना, चीखना इत्यादि.)
गहरी श्वास.गहरी श्वास.गहरी श्वास.गहरी श्वास.गहरी श्वास.कोई पीछे न रहे, पूरी शक्ति लगा दें। गहरी श्वास.गहरी श्वास.गहरी श्वास.
(साधकों का हंसना, बड़बड़ाना, हुंकार करना, चीखना, नाचना, कूदना.)
गहरी श्वास.गहरी श्वास.गहरी श्वास.पांच मिनट बचे हैं, पूरी शक्ति लगाएं.फिर हम दूसरे सूत्र में प्रवेश करेंगे.गहरी श्वास.गहरी श्वास.गहरी श्वास.गहरी श्वास.गहरी श्वास.गहरी श्वास.
(बीच-बीच में अनेक साधकों का चीखना, उछलना और मुंह से अनेक तरह की आवाजें निकालना.)
शरीर सिर्फ एक यंत्र रह जाए, श्वास लेने का यंत्र मात्र रह जाए.सिर्फ श्वास ही रह जाएं.गहरी श्वास.गहरी श्वास.गहरी श्वास.गहरी श्वास.पूरी शक्ति लगा दें.गहरी श्वास.पूरी शक्ति लगा दें.गहरी श्वास.गहरी श्वास.सिर्फ श्वास ही रह गई है, सिर्फ श्वास ही रह गई है.कमजोरी न करें, रुकें न, ताकत पूरी लगा दें.कुछ बचाएं न, ताकत पूरी लगा दें.शक्ति पूरी लगा दें.शक्ति पूरी लगा दें.शक्ति पूरी लगा दें.
(साधकों का तीव्र आवाजें निकालना और हांफना.चिल्लाना, उछलना, कूदना.)
शक्ति पूरी लगा दें.पीछे न रुकें.पीछे न रुकें.यह पूरा वातावरण चार्ज्ड हो जाएगा। शक्ति पूरी लगा दें.घटना घटेगी ही। शक्ति पूरी लगा दें.गहरी श्वास.और गहरी श्वास.और गहरी श्वास.और गहरी श्वास.और गहरी श्वास.और गहरी श्वास.शक्ति पूरी लगाएं.देखें, रुकें न। मैं आपके पास ही आकर कह रहा हूं–शक्ति पूरी लगा दें। पीछे कहने को न हो कि नहीं हुआ.
पूरी शक्ति लगाएं.पूरी शक्ति लगाएं.पूरी शक्ति लगाएं.पूरी शक्ति लगाएं.गहरी श्वास.और गहरी.और गहरी.जितनी गहरी श्वास होगी, सोई हुई शक्ति के जगने में सहायता मिलेगी.कुंडलिनी ऊपर की ओर उठने लगेगी। गहरी श्वास लें.गहरी श्वास लें.गहरी श्वास लें.गहरी श्वास लें.
(कुछ लोगों का जोर से रोना, चीखना.)
कुंडलिनी ऊपर की ओर उठनी शुरू होगी.गहरी श्वास लें.शक्ति ऊपर उठने लगेगी.गहरी श्वास लें.गहरी श्वास लें.
(एक साधक का तीव्रतम आवाज में चीत्कार करना–क्वाऽऽऽऽऽ.क्वाऽऽऽऽऽ.चारों ओर साधक अनेक प्रकार की प्रक्रियाओं में संलग्न हैं। किसी को योगासन हो रहे हैं, किसी को अनेक प्रकार के प्राणायाम हो रहे हैं, किसी को अनेक मुद्राएं हो रही हैं, कई हंस रहे हैं, कई रो रहे हैं। चारों ओर एक अजीब सा दृश्य उपस्थित हो गया है। ओशो कुछ देर चुप रहकर फिर साधकों को प्रोत्साहन देने लगते हैं.)
दो मिनट बचे हैं, पूरी ताकत लगाएं.गहरी श्वास.गहरी श्वास.कुंडलिनी उठने लगेगी.गहरी श्वास लें.गहरी श्वास लें.गहरी श्वास लें.गहरी श्वास लें.गहरी श्वास लें.जितनी गहरी ले सकें लें। दो मिनट बचे हैं, पूरी ताकत लगाएं। फिर हम दूसरे सूत्र में प्रवेश करेंगे.गहरी श्वास.गहरी श्वास.भीतर कुछ उठ रहा है, उसे उठने दें.गहरी श्वास.गहरी श्वास.गहरी श्वास.गहरी श्वास.गहरी श्वास.गहरी श्वास.
(कुछ साधकों का चीखना, अनेक तरह की आवाजें निकालना और नाचना.)
एक मिनट बचा है, पूरी शक्ति लगाएं, फिर हम दूसरे सूत्र में जाएंगे.गहरी श्वास.ताकत पूरी लगा दें.ताकत पूरी लगा दें.ताकत पूरी लगा दें.भीतर शक्ति उठ रही है, छोड़ें नहीं अपने को.ताकत पूरी लगा दें.गहरी.और गहरी. और गहरी.और गहरी.कूद पड़ें, पूरी ताकत लगा दें.सारी शक्ति लगा दें.गहरी.गहरी.गहरी श्वास.गहरी श्वास.गहरी श्वास.गहरी श्वास.श्वास की चोट होने दें भीतर, सोई हुई शक्ति उठेगी.गहरी श्वास.गहरी श्वास. गहरी श्वास.गहरी श्वास.गहरी श्वास.अब दूसरे सूत्र में जाना है.गहरी श्वास.और गहरी–आपसे ही कह रहा हूं.ताकत पूरी लगा दें.और गहरी.और गहरी.और गहरी.और गहरी.
दूसरा चरण
दूसरे सूत्र में प्रवेश कर जाएं। श्वास गहरी रहेगी। शरीर को छोड़ दें। शरीर को जो भी होता है, होने दें। शरीर रोए, रोने दें.हंसे, हंसने दें.चिल्लाए, चिल्लाने दें.शरीर नाचने लगे, नाचने दें–शरीर को जो होता है, होने दें। शरीर को छोड़ दें अब.शरीर को जो होता है, होने दें.
(अनेक तरह की आवाजें निकलना और शरीर की प्रक्रियाओं में, विविध गतियों में तीव्रता का आना।)
शरीर को छोड़ दें बिलकुल–जो होता है, होने दें। शरीर के अंगों में जो होता है, होने दें.शरीर को छोड़ दें.दस मिनट के लिए शरीर को होने दें जो होता है।
(शरीर की गतियां और चीखना-चिल्लाना चलता रहा.और ओशो सुझाव देते रहे.)
शरीर को छोड़ दें, पूरी तरह छोड़ दें.शरीर नाचेगा, कूदेगा, छोड़ दें.भीतर शक्ति.भीतर शक्ति उठेगी.शरीर नाचेगा, कूदेगा.छोड़ दें–शरीर को बिलकुल छोड़ दें.जो होता है, होने दें.
(कुछ लोग अट्टहास कर रहे हैं, कुछ ताली बजा रहे हैं, कई रो रहे हैं, कई हंस व नाच रहे हैं.एक महिला तीव्र आवाज से चीत्कार करने लगती है.अनेक लोगों के मुंह से विचित्र आवाजें निकल रही हैं.एक व्यक्ति का तीव्रता से चिल्लाना.आऽऽऽऽ.आऽऽऽऽऽऽऽ.)
शरीर को छोड़ दें.श्वास गहरी रहे.शरीर को छोड़ दें.भीतर शक्ति जागेगी.शरीर नाचने लगेगा, कूदने लगेगा, कंपने लगेगा–जो भी होता है, होने दें। शरीर लोटने लगे, चीखने लगे, हंसने लगे–छोड़ दें.शरीर को पूरी तरह छोड़ दें. ताकि अलग दिखाई पड़ने लगे–मैं अलग हूं, शरीर अलग है। शरीर को छोड़ें.शरीर को छोड़ें.शरीर को बिलकुल छोड़ दें। छोड़ें.शरीर को छोड़ दें। शरीर एक विद्युत का यंत्र भर रह गया है। शरीर नाच रहा है, शरीर कूद रहा है, शरीर कंप रहा है.शरीर को छोड़ दें। शरीर रो रहा है, शरीर हंस रहा है–शरीर को छोड़ दें। आप शरीर से अलग हैं, शरीर को छोड़ दें, शरीर को जो होता है, होने दें.
(आवाजें.चीखें.रुदन.हिचकियां.)
छोड़ें.छोड़ें.शरीर को बिलकुल छोड़ दें। रोकें नहीं.कुछ मित्र रोक रहे हैं, रोकें नहीं.छोड़ दें। जरा भी न रोकें; जो होता है, होने दें.शरीर को बिलकुल थका डालना है, सहयोग करें। शरीर को छोड़ दें, सहयोग करें; जो होता है, होने दें.
(अनेक तरह की आवाजें.चीखना, चिल्लाना, फूट-फूटकर रोना। रेचन की प्रक्रिया अति तीव्र हो गई। रोना, हंसना, आवाजें करना, चीखना, चिल्लाना खूब जोरों से होने लगा; ओशो का सुझाव देना जारी रहा.)
शरीर को थका डालना है, छोड़ दें.बिलकुल छोड़ दें–जो होता है, होने दें। छोड़ें.छोड़ें.रोकें नहीं। देखें, कोई रोके नहीं, छोड़ दें, बिलकुल छोड़ दें। शरीर को जो होता है, होने दें.होने दें.होने दें.छोड़ दें.
(चारों तरफ अनेक तरह की धीमी और तीव्र आवाजों का संयोग एक शोरगुल सा पैदा कर रहा है.)
छोड़ दें.पांच मिनट बचे हैं, शरीर को पूरी तरह छोड़ दें–सहयोग करें.शरीर को जो हो रहा है, कोआपरेट करें.शरीर जो कर रहा है, उसे करने दें–रोना है रोए, हंसना है हंसे। रोकें नहीं। शरीर नाचने लगेगा, नाचने दें। शरीर उछलने लगे, उछलने दें.
(अनेक तीव्र आवाजें, कराहना, चीखना, चिल्लाना, रोना, हंसना, भागना-दौड़ना.)
छोड़ें.पूरी तरह छोड़ें.सहयोग करें.भीतर शक्ति उठ रही है, उसे छोड़ दें.पांच मिनट बचे हैं, पूरी तरह छोड़ें। शरीर को पूरी तरह छोड़ें.
(कई चीखें, चीत्कार और शरीर की तीव्र प्रतिक्रियाएं.अचानक माइक काम करना बंद कर देता है। व्यवस्था करनेवाले व्यक्ति सब ध्यान में हैं। लाउडस्पीकर का आपरेटर भी ध्यान कर रहा है। कुछ देर बाद उसे किसी के द्वारा झकझोर कर सामान्य अवस्था में लाया गया, शांत किया गया, तब उसने माइक की खराबी खोजनी शुरू की.ओशो बिना माइक के ही बोलते रहे.)
छोड़ें.पूरी तरह छोड़ें.छोड़ें.पूरी तरह से छोड़ें.शरीर को जो हो रहा है होने दें। पूरी शक्ति से छोड़ें.छोड़ें.दो मिनट बचे हैं, पूरी तरह छोड़ दें.दो मिनट बचे हैं, शरीर को पूरी तरह छोड़ दें। शरीर अलग है, आप अलग हैं। शरीर को जो होना है, होने दें.आप अलग हैं.दो मिनट के लिए पूरी तरह छोड़ें; फिर हम दूसरे सूत्र में चलेंगे.छोड़ें.छोड़ें.बिलकुल छोड़ दें.शरीर को थका डालें.छोड़ें.छोड़ें.छोड़ें.गहरी श्वास लें.शरीर को छोड़ दें.शरीर नाचता है, नाचने दें। बिलकुल छोड़ दें.आप अलग हैं.तीसरे सूत्र में चलने के पहले पूरी शक्ति लगा दें.शरीर को छोड़ें.छोड़ें.एक मिनट बचा है, पूरी तरह छोड़ें.पूरी तरह छोड़ें.पूरी तरह छोड़ें.
(एक साधक का तीव्रता से चिल्लाना.आऽऽऽऽऽऽ.)
जो होता है, होने दें.एक मिनट बचा है, पूरी तरह छोड़ें.पूरी तरह छोड़ दें.जो होता है, होने दें.एक मिनट के लिए सब छोड़ दें.
(लंबी रेंकने की सी आवाज.रुदन.अट्टहास.हंसी.)
छोड़ें, बिलकुल छोड़ दें। शरीर को बिलकुल नाचने दें, छोड़ दें.चिल्लाने दें.रोने दें.हंसने दें–छोड़ दें.शरीर जो कर रहा है, करने दें.साफ दिखाई पड़ेगा–आप अलग हैं, शरीर अलग है। पूरी तरह छोड़ें.फिर तीसरे सूत्र में प्रवेश करेंगे.छोड़ें.छोड़ें.छोड़ें.सहयोग करें.शरीर को छोड़ दें.
तीसरा चरण
और अब तीसरे सूत्र में प्रवेश कर जाएं! भीतर पूछें–मैं कौन हूं?.मैं कौन हूं?.मैं कौन हूं?.मैं कौन हूं?.मैं कौन हूं?.दस मिनट तक शरीर नाचता रहे, श्वास गहरी रहे और भीतर पूछें–मैं कौन हूं?.मैं कौन हूं?.मैं कौन हूं?.
(लोगों का अनेक क्रियाओं को करते हुए रोना.चिल्लाना.कराहना.हिचकियां लेना.हांफना.एक साधक का जोर से लगातार चिल्लाना–कौन हूं?.कौन हूं?.ओशो सुझाव देते रहे.)
मैं कौन हूं?.मैं कौन हूं?.मैं कौन हूं?.मैं कौन हूं?.पूरी ताकत लगा दें.मैं कौन हूं?.मैं कौन हूं?.
(अनेक तरह की आवाजें लोगों के मुंह से निकलना.हिचकियों के साथ रोना.चिल्लाना.नाचना.एक व्यक्ति का असाधारण तीव्रता से चिल्लाना–क्वाऽऽऽऽऽ.क्वाऽऽऽऽऽऽऽ.क्वाऽऽऽऽऽऽऽऽ.)
मैं कौन हूं?.मैं कौन हूं?.मैं कौन हूं?.मैं कौन हूं?.मैं कौन हूं?.मैं कौन हूं?.मैं कौन हूं?.मैं कौन हूं?.मैं कौन हूं?.मैं कौन हूं?.मैं कौन हूं?.मैं कौन हूं?.मैं कौन हूं?.मैं कौन हूं?.
(आवाजें.चिंघाड़ना.अट्टहास करना.एक साधक का कराहपूर्वक चिल्लाना–आऽऽऽऽऽ आऽऽऽऽऽ आऽऽऽऽऽ. ओशो सुझाव देते रहे.)
मैं कौन हूं?.मैं कौन हूं?.मैं कौन हूं?.मैं कौन हूं?.मैं कौन हूं?.मैं कौन हूं?.मैं कौन हूं? पूरी तरह.पूरी ताकत से पूछें–मैं कौन हूं.मैं कौन हूं?.मैं कौन हूं?.मैं कौन हूं?.मैं कौन हूं?.
(रोना, चीखना, तड़फना, नाचना आदि.मैं कौन हूं? मैं कौन हूं? की अनेक आवाजें.)
मैं कौन हूं?.मैं कौन हूं?.मैं कौन हूं?.मैं कौन हूं?.मैं कौन हूं?.मैं कौन हूं?.मैं कौन हूं?.शक्ति पूरी लगा दें.शक्ति पूरी लगा दें.मैं कौन हूं?.मैं कौन हूं?.मैं कौन हूं?.मैं कौन हूं?.शक्ति पूरी लगाएं.मैं कौन हूं?
(अनेक लोगों की चीत्कार.चिंघाड़.पछाड़ खाकर रोना.गिरना.रेत पर लोटना.उछलना.कूदना.)
मैं कौन हूं?.मैं कौन हूं?.मैं कौन हूं?.मैं कौन हूं?.मैं कौन हूं?.मैं कौन हूं?.
(एक व्यक्ति की कराह के साथ आवाज–आऽऽऽऽऽऽ.आऽऽऽऽऽऽ.)
मैं कौन हूं?.मैं कौन हूं?.मैं कौन हूं? पांच मिनट बचे हैं, पूरी शक्ति लगाएं, फिर हम विश्राम करेंगे.शरीर को छोड़ दें.मैं कौन हूं?.मैं कौन हूं?.मैं कौन हूं?.मैं कौन हूं?.पूरी शक्ति लगाएं.पूरी शक्ति लगाएं.
(एक लंबी चीत्कार.और अनेकों का रोना, चीखना, चिल्लाना.)
मैं कौन हूं?.मैं कौन हूं?.पूरी शक्ति लगाएं.पूरी शक्ति लगाएं.मैं कौन हूं?.मैं कौन हूं?.मैं कौन हूं?. तीन मिनट बचे हैं, फिर हम विश्राम करेंगे.अपने को थका डालें.भीतर शक्ति उठ रही है.
(रोना, चीखना, उछलना, कूदना, भागना-दौड़ना.)
मैं कौन हूं?.मैं कौन हूं?.मैं कौन हूं?.मैं कौन हूं?.शक्ति पूरी लगाएं.मैं कौन हूं?.दो मिनट बचे हैं, शक्ति पूरी लगाएं.मैं कौन हूं?.मैं कौन हूं?.मैं कौन हूं?.
(शरीर की क्रियाएं.शोरगुल.आवाजें.एक तीव्र आवाज–क्वाऽऽऽऽऽ.क्वाऽऽऽऽऽऽ.)
मैं कौन हूं?.मैं कौन हूं?.मैं कौन हूं?.मैं कौन हूं?.आखिरी दो मिनट बचे हैं, शक्ति पूरी लगाएं.फिर हम विश्राम करेंगे.मैं कौन हूं?.मैं कौन हूं?.शक्ति भीतर जाग रही है, शरीर को नाच जाने दें.मैं कौन हूं?.मैं कौन हूं?.मैं कौन हूं?.मैं कौन हूं?.शक्ति भीतर पूरी जग जाने दें.मैं कौन हूं?.मैं कौन हूं?.मैं कौन हूं?.मैं कौन हूं?.मैं कौन हूं?.बिलकुल पागल हो जाएं.मैं कौन हूं?.मैं कौन हूं?.
(एक व्यक्ति का जोर से चिल्लाना–बाऽऽऽऽ.बाऽऽऽऽऽ.बाऽऽऽऽऽ.)
मैं कौन हूं?.मैं कौन हूं?.मैं कौन हूं?.थका डालें अपने को, फिर विश्राम करना है.मैं कौन हूं?.मैं कौन हूं?.मैं कौन हूं?.एक मिनट और–मैं कौन हूं?.शरीर नाचता है, नाच जाने दें.मैं कौन हूं?.मैं कौन हूं?.
(साधकों की तीव्रतम गतियां.तीव्र चीत्कार, रुदन.)
मैं कौन हूं?.मैं कौन हूं?.मैं कौन हूं?.मैं कौन हूं?.फिर विश्राम में जाना है, पूरी ताकत लगा दें.आखिरी क्षण में पूरी ताकत लगा दें.मैं कौन हूं?.मैं कौन हूं?.मैं कौन हूं?.मैं कौन हूं?.अवसर न खोएं, पूरी ताकत लगा दें.मैं कौन हूं?.मैं कौन हूं?.मैं कौन हूं?.मैं कौन हूं?.मैं कौन हूं?.मैं कौन हूं?.मैं कौन हूं?.मैं कौन हूं?.मैं कौन हूं?.मैं कौन हूं?.आखिरी ताकत, फिर विश्राम में जाना है.मैं कौन हूं?.मैं कौन हूं?.मैं कौन हूं?.मैं कौन हूं?.मैं कौन हूं?.मैं कौन हूं?.मैं कौन हूं?.मैं कौन हूं?.
चौथा चरण
बस.सब छोड़ दें.सब छोड़ दें.पूछना छोड़ दें.श्वास लेना छोड़ दें–जो जहां पड़ा है, पड़ा रह जाए.जो जहां खड़ा है, खड़ा रह जाए। गिरना हो गिर जाएं.लेटना हो लेट जाएं.बैठना हो बैठे रह जाएं.सब शांत, सब शून्य हो जाने दें। न कुछ पूछें, न कुछ करें, बस पड़े रह जाएं, जैसे मर गए, जैसे हैं ही नहीं। तूफान चला गया, भीतर शांति छूट जाएगी.सब मिट गया.सब शांत हो गया। तूफान गया.पड़े रह जाएं, दस मिनट बिलकुल पड़े रह जाएं।
इस शांति में, इस शून्य में ही उसका आगमन होता है, जिसकी खोज है.पड़े रह जाएं.सब छोड़ दें.सब छोड़ दें.न श्वास जोर से लेनी है, न प्रश्न पूछना है, न कुछ करना है। शरीर को भी छोड़ दें। खड़े हैं, खड़े रह जाएं; गिर गए हैं, गिरे रह जाएं; पड़े हैं, पड़े रह जाएं। दस मिनट के लिए मर जाएं–हैं ही नहीं.तूफान गया.सब शांत हो गया.सब मौन हो गया.
(चारों ओर सब साधक शांत और स्थिर हो गए हैं। बीच-बीच में कोई कराह उठता है, कोई हिचकियां लेने लगता है, कोई सुबकने लगता है और फिर शांत व चुप हो जाता है।)
इस शून्य में ही कुछ घटित होगा–कोई फूल खिलेंगे.कोई प्रकाश फैल जाएगा.कोई शांति की धारा फूट पड़ेगी. कोई आनंद का संगीत सुनाई पड़ेगा। इस शून्य में ही प्रभु निकट आता है। प्रतीक्षा करें, प्रतीक्षा करें, प्रतीक्षा करें.पड़े रह जाएं, खड़े रह जाएं। प्रतीक्षा करें, प्रतीक्षा करें। बस प्रतीक्षा करें। सब थक गया.सब शून्य हो गया.
(कराह की कुछ आवाजें।)
प्रतीक्षा करें.प्रतीक्षा करें.अब मैं चुप हो जाता हूं। दस मिनट चुपचाप.
(पक्षियों की सुरीली आवाजें.किसी का हिलना-डुलना, किसी का सुबकना, श्वास लेना। एक साधक का जोर से चिल्लाना–प्रभुऽऽऽऽऽ मने माफ कर.प्रत्येक गुनाह बदल मने शिक्षा कर.हे प्रभु.किसी-किसी का हूंऽऽऽऽऽ, हूंऽऽऽऽऽ, हूंऽऽऽऽऽ करना। कराहने की आवाजें। एक व्यक्ति का जोर से चीखना–पाऽऽऽऽ पी.कुछ देर बाद दूर कोने से एक साधक के मुंह से आवाज निकलती है–‘कौन कहता है पापी हूं?’.पुनः किसी का कराहना–ऊं.ऊं.ऊं.करना। कौवों का कांव-कांव करना.सरूवन में हवा की सरसराहट.सागर का गर्जन.सब तरफ सन्नाटा, जैसे सरूवन बिलकुल निर्जन हो। एक महिला का रोना, हिचकियां लेना.)
जैसे मर ही गए। जैसे मिट ही गए। एक शून्य मात्र रह गए। सब मिट गया। सब शांत हो गया। सब मौन हो गया। इस मौन में ही उसका आगमन है.इस शून्य में ही उसका द्वार है। प्रतीक्षा करें.प्रतीक्षा करें.
(एक महिला का सुबक-सुबककर रोना.एक व्यक्ति का हूं.हूं.हूं.की आवाज करना। दूर कोने से एक साधक का तीव्रता से श्वास लेना-छोड़ना करना। कुछ लोगों का कराहना.फुसफुसाना.एक व्यक्ति का पुनः चीख उठना– पाऽऽऽऽऽ पीऽऽऽऽऽ.किसी का बड़बड़ाना.माइक अब सुधर पाया.माइक पर ओशो बोलते हैं.)
जैसे मर ही गए। जैसे मिट ही गए। तूफान गया, शांति छूट गई। प्रतीक्षा करें.प्रतीक्षा करें.इसी क्षण में कुछ घटित होता है। मौन प्रतीक्षा करें, मौन प्रतीक्षा करें। शून्य हो गया.सब शून्य हो गया.प्रतीक्षा करें.प्रतीक्षा करें.प्रतीक्षा करें.। जैसे मर ही गए, लेकिन भीतर कोई जागा हुआ है। सब शून्य हो गया, लेकिन भीतर कोई ज्योति जागी हुई है–जो जानती है, देखती है, पहचानती है। आप तो मिट गए, लेकिन कोई और जागा हुआ है। भीतर सब प्रकाशित है। भीतर आनंद की धारा बहने लगी है। परमात्मा बहुत निकट है। प्रतीक्षा करें.प्रतीक्षा करें.प्रतीक्षा करें.
(एक व्यक्ति का फुसफुसाना–पापीचारा, पापीचारा, पापीचारा.एक साधक का सोए-सोए ही कह उठना–यह साधना चालू रखें, यह साधना चालू रखें.कहीं से दोनों हथेलियों को तेजी से पीटने की आवाज–पट, पट, पट.एक साधक की तीव्र चीत्कार–बचाऽऽऽऽऽ ओऽऽऽऽऽऽ.)
जैसे मर गए। जैसे मिट गए। जैसे मर ही गए। जैसे मिट गए। जैसे बूंद सागर में गिरकर खो जाती है, ऐसे खो गए.प्रतीक्षा करें.इस खो जाने में ही उसका मिल जाना है। प्रतीक्षा करें.प्रतीक्षा करें.भीतर शांत-मौन प्रकाश फैल गया है। गहरा आनंद झलकना शुरू होगा। गहरा आनंद उठना शुरू होगा। भीतर आनंद की धारा बहने लगेगी। प्रतीक्षा करें. प्रतीक्षा करें.प्रतीक्षा करें.
(प्रभु, प्रभु, हे प्रभु की आवाज.)
भीतर आनंद बहने लगेगा। भीतर उसका प्रकाश उतरने लगेगा.प्रतीक्षा, प्रतीक्षा, प्रतीक्षा.जैसे मर ही गए, जैसे मिट ही गए, सब शून्य हो गया.इसी शून्य में उसका दर्शन है। इसी शून्य में उसकी झलक है। इसी शून्य में उसकी उपलब्धि है। प्रतीक्षा करें, प्रतीक्षा करें, प्रतीक्षा करें.देखें, भीतर कोई प्रवेश कर रहा है.देखें, भीतर कोई जाग गया है.देखें, भीतर कोई आनंद प्रकट हो गया है। आनंद, जो कभी नहीं जाना। आनंद, जो अपरिचित है। आनंद, जो अज्ञात है। प्राण के पोर-पोर में कुछ भर गया है। प्रतीक्षा करें, प्रतीक्षा करें.
(पक्षियों की आवाजें.सरू-वृक्षों की सरसराहट.सब शांत है.)
आनंद ही आनंद शेष रह जाता है। प्रकाश ही प्रकाश शेष रह जाता है। शांति ही शांति शेष रह जाती है। प्रतीक्षा करें, प्रतीक्षा करें। इन्हीं मौन क्षणों में आगमन है उसका। इन्हीं मौन क्षणों में मिलन है उससे। प्रतीक्षा करें, प्रतीक्षा करें, प्रतीक्षा करें.
(एक साधक का तीव्र श्वास-प्रश्वास लेना.एक व्यक्ति का कराहना.)
जिसकी खोज है, वह बहुत पास है। जिसकी तलाश है, इस समय बहुत निकट है। जिसकी खोज है, वह बहुत पास है। जिसकी तलाश है, वह बहुत निकट है। प्रतीक्षा करें, प्रतीक्षा करें.
अब धीरे-धीरे आनंद के इस जगत से वापस लौट आएं। धीरे-धीरे प्रकाश के इस जगत से वापस लौट आएं। धीरे-धीरे भीतर के इस जगत से वापस लौट आएं। बहुत आहिस्ता-आहिस्ता आंख खोलें। आंख न खुलती हो तो दोनों हाथ आंख पर रख लें, फिर धीरे-धीरे खोलें। और जल्दी कोई भी नहीं करे। जो गिर गए हैं, उठ न सकें, वे धीरे-धीरे दो-चार गहरी श्वास लें, फिर आहिस्ता-आहिस्ता उठें। बिना बोले, बिना आवाज किए चुपचाप उठ आएं। जो खड़े हैं, वे चुपचाप बैठ जाएं। धीरे-धीरे आंख खोल लें, वापस लौट आएं।
(एक महिला का हिचकी ले-लेकर रोना.)
हमारी सुबह की बैठक पूरी हुई।